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गुरु नानक देव जी की प्रेरणादायक उद्धृति

    जो कुछ है सो तुम्हारा, जो कुछ हो रहा है सो तुम्हारा, और जो कुछ होने वाला है सो भी तुम्हारा है।

    इंसानीत में सबसे बड़ी भूल वह है जब हम किसी को अपने से छोटा मान लेते हैं।

    सच्चा धन है सेवा, सच्चा उपहार है मोहब्बत, सच्ची शक्ति है आत्म-नियंत्रण।

    जो कोई आपके साथ है, वह आपका दोस्त है। परंतु जो कोई आपके खिलाफ है, वह आपके गुरु हैं।

    बुराई को देखो, सही का रास्ता पहचानो, और अगर वह नहीं मिलता तो स्वयं सही का रास्ता बनाओ।

    कर्म का फल चाहे जैसा हो, परंतु कर्तव्य में अटल रहो।

    जीवन का सर्वोत्तम लक्ष्य है मानवता की सेवा करना और परमात्मा के साथ एकरूप होना।

    सफलता उसको मिलती है जो अपने कार्य में पूरी तरह समर्पित है, निर्भीक है और आत्मविश्वासी है।

    किसी के खिलाफ नहीं, सभी के साथ शांति और प्रेम का संबंध बनाओ।

    आपसी सदभाव और इंसानियत के मूल्यों का समर्थन करो, ताकि समृद्धि और सुख अपने आप साथ आए।

    अपने मन की शुद्धि से ही असली धर्म का अनुसरण कर सकते हैं।

    आत्म-निरीक्षण और सत्य की खोज में लगे रहो, क्योंकि यही जीवन का अर्थ है।

    जब तक आप मेहनत करते रहेंगे और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहेंगे, तब तक आपकी कोई हार नहीं हो सकती।

    दूसरों के दुखों को दूर करने में सहानुभूति और सेवा करने में आनंद पाओ।

    सारे लोगों को एक समान दृष्टिकोण से देखो और समझो, क्योंकि सभी में एक ही परमात्मा का अंश है।

    जीवन को सीखने और सुधारने का एक निरंतर प्रक्रिया है, इसमें कभी नहीं रुकना चाहिए।

    अपने कार्यों के लिए सहानुभूति और प्रेम के साथ कार्य करें, इससे आपका कार्य सही दिशा में जायेगा।

    जो आपको आपके लक्ष्यों की प्राप्ति में माध्यम बनाए रखता है, वह असली शिक्षक है।

    आत्मा को पहचानो, उसे समझो, और फिर अपनी आत्मा के माध्यम से सबको समझो।

    समझदार व्यक्ति विवादों में शांति बनाए रखता है और दुसरों को भी विवादों से बाहर रखने का मार्ग दिखाता है।

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